केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कर्नाटक के सागर तालुक में शरवती बैकवाटर पर निर्मित सिंगडूर ब्रिज का उद्घाटन किया। यह देश का दूसरा सबसे लंबा केबल-आधारित पुल है, जो अंबारागोडलु और कलासावल्ली गांवों को जोड़ता है। ब्रिज निर्माण पर कुल 472 करोड़ रुपये की लागत आई है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद रहे। हालांकि, कार्यक्रम में राज्य सरकार के किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही।
श्रद्धालुओं के लिए बड़ा फायदा
सिंगडूर ब्रिज, धार्मिक रूप से प्रसिद्ध सिंगडूर चौदेश्वरी मंदिर तक पहुंचने को सरल बनाएगा। इससे आसपास के गांवों से सागर तक यातायात की सुविधा बेहतर होगी और मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कार्यक्रम टकराने की वजह
मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने नितिन गडकरी से उद्घाटन की तारीख आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति जताई थी, लेकिन बाद में कार्यक्रम बिना राज्य सरकार की जानकारी के ही आयोजित कर दिया गया।
गडकरी ने साझा किया निमंत्रण पत्र
विवाद के बीच नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि 11 जुलाई 2025 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री को औपचारिक निमंत्रण भेजा गया था। इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ।