संसद में मंगलवार को भी 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर चर्चा जारी रही। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को जानकारी दी कि पहलगाम में सुरक्षाबलों द्वारा की गई कार्रवाई में शामिल आतंकियों को मार गिराया गया है।
इस बहस में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी हिस्सा लिया और भारतीय सेना की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि हमें अपनी सेना पर गर्व है। हालांकि, उन्होंने सरकार से 'ऑपरेशन महादेव' को लेकर कुछ अहम सवाल भी किए।
‘ऑपरेशन महादेव’ कल ही क्यों हुआ?
अखिलेश यादव ने प्रश्न उठाया कि जब तकनीकी जानकारी और संसाधन पहले से उपलब्ध थे, तो ऑपरेशन महादेव की कार्रवाई मंगलवार को ही क्यों की गई? उन्होंने राफेल विमानों का जिक्र करते हुए कहा कि जिनकी पूजा नींबू से की गई थी, वे इस ऑपरेशन में कितनी बार उड़ान भरते नजर आए? इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि सीजफायर के बावजूद जब पाकिस्तान की ओर से ड्रोन भारतीय सीमा में घुस रहे थे, तो युद्धविराम की घोषणा किसके दबाव में की गई?
सेना की सराहना, लेकिन जवाबदेही भी जरूरी
अखिलेश यादव ने कहा कि वह सेना की वीरता, साहस और बलिदान को सलाम करते हैं और आतंकियों के मारे जाने का समर्थन करते हैं, लेकिन साथ ही यह जानना जरूरी है कि इस कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर सरकार स्पष्ट क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार तकनीकी रूप से इतनी सक्षम है, तो पुलवामा हमले में विस्फोटकों से भरी जिस गाड़ी का इस्तेमाल हुआ, वह अब तक क्यों नहीं पकड़ी गई?
सीजफायर पर उठाए सवाल
सपा प्रमुख ने सवाल किया कि युद्धविराम की घोषणा किस आधार पर की गई और क्या यह किसी बाहरी दबाव में किया गया था? उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने यह भी दावा किया था कि अगर छह महीने का समय दिया जाए, तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत में शामिल हो सकता है, लेकिन सरकार के कथित मित्रों द्वारा सीजफायर की घोषणा करवाना कई संदेह खड़े करता है।
जनभावनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप
उन्होंने सरकार पर जनभावनाओं को भुनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे यह बताना चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कौन-कौन से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। पुलवामा हमले के दौरान खुफिया तंत्र की विफलता की बात सामने आई थी, लेकिन उसकी जिम्मेदारी तय नहीं की गई।
चीन से खतरे की भी चेतावनी
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस प्रकार से ऑपरेशन सिंदूर को प्रचारित किया गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने पूछा कि पाकिस्तान के पीछे किस देश की भूमिका है? साथ ही चेताया कि भारत के लिए चीन से उतना ही खतरा है, जितना आतंकवाद से। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कुछ नीतियां सीमाओं का उल्लंघन करने वालों के व्यापार को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देती हैं।