दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की सोमवार से शुरुआत हो गई है। विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि दिल्ली की भाजपा सरकार पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल पर श्वेत पत्र जारी करेगी। इस बजट सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को दिल्ली की सीएम एवं वित्त मंत्री रेखा गुप्ता 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सत्ता में आई भाजपा सरकार का पहला बजट पेश करेंगी।

बता दें कि श्वेत पत्र एक सरकारी दस्तावेज है। इसे सरकारों की ओर से समर्थन प्राप्त करने और जनता की प्रतिक्रिया जानने के लिए प्रस्तुत किया जाता है। यही नहीं श्वेत पत्र के जरिए पिछली सरकार के कथित कुप्रबंधन को भी सामने लाया जाता है और इन कमियों से सबक लेते हुए नई सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को भी सामने लाया जाता है। श्वेत पत्र अक्सर सफेद कवर में रखा रहता है।

दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने नियम 280 के तहत चर्चा के दौरान अपने एक विधायक का नाम नहीं लेने के विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के फैसले को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। AAP विधायकों ने इस मसले को लेकर विरोध में सदन से वॉक आउट किया। नियम 280 के तहत विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दे उठाने की अनुमति होती है।

पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, जब विधानसभा अध्यक्ष ने AAP विधायक को दरकिनार किया तो नेता प्रतिपक्ष आतिशी के नेतृत्व में उनके खेमे के विधायकों ने विरोध किया और सदन से बाहर चले गए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने आप विधायकों के कदम को रणनीतिक व्यवधान करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे में जब कुछ ही देर में सीएजी रिपोर्ट पेश की जाने वाली है। मुझे लगता है कि विपक्षी विधायकों को यह पसंद नहीं आ रहा है।

इसके बाद सरकार की ओर से विधानसभा में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के काम-काज पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की लंबित रिपोर्ट पेश की गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन के पटल पर कैग की डीटीसी संबंधी रिपोर्ट रखी। पिछली AAP सरकार ने कैग की कई रिपोर्टों को सदन में नहीं आने दिया था। मौजूदा सरकार ने विवादास्पद शराब ठेका नीति और मोहल्ला क्लीनिक संबंधी रिपोर्ट के बाद सोमवार को कैग की तीसरी रिपोर्ट रखी।