फरीदाबाद के अरावली क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक अनंगपुर गांव, जहां बीते कुछ समय से मकानों को तोड़े जाने की आशंका के चलते असंतोष का माहौल है, अब राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। इसी मुद्दे पर 13 जुलाई को एक महापंचायत का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे। इस पंचायत को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी अपना समर्थन दिया।
महापंचायत में शामिल होने के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज, विधायक सहीराम, जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य गुरदीप सप्पल पहुंचे।
सौरभ भारद्वाज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे किसानों ने काले कानूनों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी और सरकार को झुकाना पड़ा, वैसे ही अनंगपुर गांव के लिए भी एकजुट संघर्ष की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अदालत का हवाला देकर कार्रवाई करना चाहती है, जबकि अन्य मामलों में अदालत के आदेशों को नजरअंदाज कर चुकी है।
गुरदीप सप्पल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ग्रामीणों की जमीन पर सरकार की नजर है और मकसद इसे किसी बड़े उद्योगपति को देना है। उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में भी आदिवासियों की जमीन बिना विधिक प्रक्रिया के उद्योगपति को सौंपी गई, और अब जंगलों की कटाई हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीण किसी बड़े कारोबारी होते, तो उनके साथ यह व्यवहार नहीं होता।
ग्रामीणों की मांग है कि गांव की परंपरागत बसाहट और मकानों को संरक्षित किया जाए, और उन्हें उजाड़ने की किसी भी कार्रवाई को तत्काल रोका जाए।