हिमाचल में कांग्रेस पार्टी कई झटके खाने के बाद भी नहीं संभल पा रही है। पार्टी के आला नेता फाइव-स्टार और हाई प्रोफाइल कल्चर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यही वजह है कि हिमाचल में आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री के बाद कांग्रेस के एक के बाद एक कई नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं और कांग्रेस के नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की ही बात करें तो शायद ही उन्होंने बतौर प्रभारी राज्य के सभी जिलों का दौरा किया हो। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना है जिन्होंने शायद ही कोई ऐसा ब्लॉक छोड़ा हो जहां पर वह नहीं गए।
ठीक इसी तरह भाजपा के दूसरे बड़े नेता भी जनता के बीच जाकर उनकी नब्ज टटोल रहे हैं। कांग्रेस इसमें पिछड़ते हुए दिखाई दे रही है और बंद कमरों में ही रणनीति बनाई जा रही है। कुछ दिन पहले भी कांग्रेस ने शिमला नगर निगम चुनाव को लेकर यहां बैठक करके के बजाय चंडीगढ़ में बैठक बुलाई।
प्रदेश में बीते साल एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा हल्कों में उप-चुनाव हुए। उस दौरान भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने डेढ़ महीनों में अधिकतर समय प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बिताया, जबकि कांग्रेस प्रभारी मुश्किल से दो से तीन बार प्रदेश आएं हैं।
देश के अधिकतर राज्यों में तमाम झटकों के बाद भी कांग्रेस सबक नहीं ले पा रही है। राजनीति के पंडितों की माने तो देशभर में इसी हाई प्रोफाइल कल्चर के कारण कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी अंदरखाते इस बात को कहने लगे हैं।