मुजफ्फरनगर। ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की पहुंच बढ़ाने के लिए परिवहन निगम ने नई पहल शुरू की है। जिले के ऐसे गांव, जहां आबादी चार हजार से अधिक है लेकिन अब तक रोडवेज सेवा नहीं पहुंच पाई, उन्हें बस रूट से जोड़ने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पहले चरण में 15 गांवों को चिन्हित करते हुए इनके लिए प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है।

वर्तमान में जिले के पास कुल 246 रोडवेज बसें हैं, जिनमें 203 निगम और 43 अनुबंधित बसें शामिल हैं। इतने बड़े बेड़े के बावजूद कई देहाती इलाकों के लोग नियमित परिवहन सुविधा से वंचित हैं। ग्रामीणों को दैनिक आवागमन के लिए टेंपो और ई-रिक्शा पर निर्भर रहना पड़ता है। छात्रों के लिए यह परेशानी और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि उन्हें प्रतिदिन गांव से शहर तक आने-जाने में अतिरिक्त समय और खर्च लगाना होता है।

लंबे समय से इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने डीएम और परिवहन अधिकारियों से मिलकर बस सेवा शुरू करने की मांग उठाई थी। लगातार शिकायतों और मांगों के बाद अब विभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ाना शुरू किया है।

पहले चरण में चुने गए 15 गांव

  • बुड़ीना कला

  • चौकड़ा

  • सुन्ना

  • लछेड़ा

  • रहकड़ा

  • बहेड़ी

  • काटका

  • बुड़ीना खुर्द

  • नूना खेड़ा

  • पावटी

  • लखान

  • खेड़ी फिरोजाबाद

  • बझेड़ी

  • बरला

  • धंधेड़ा

अधिकारियों के अनुसार, आगे भी ऐसे गांवों की सूची तैयार की जाएगी जो बस सेवा की आवश्यकता वाले मानकों पर खरे उतरते हैं।

अधिकारियों ने क्या कहा

परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभात कुमार सिन्हा ने बताया कि चिन्हित गांवों के लिए प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही बस सेवाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में 42 सीट क्षमता वाली 20 मिनी बसों को भी ग्रामीण मार्गों पर लगाया गया है, जिससे देहात क्षेत्रों में आवागमन थोड़ा सहज हुआ है।