शिमला कोरोना महामारी का खतरा कम होने के बाद प्रदेश सरकार ने स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण अभियान के तहत विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन देने का निर्देश दिया है। स्कूलों में पहली मार्च से दोपहर का भोजन दिया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक डा. पंकज ललित की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। दो साल बाद स्कूलों में मिड-डे मील दोबारा से शुरू किया जा रहा है। हालांकि बीच में सरकार ने कई बार स्कूलों को खोला, लेकिन मिड-डे मील को बंद ही रखा था। अब तक विद्यार्थियों को राशन ही मुहैया करवाया जा रहा था। निर्देश में कहा गया है कि मिड-डे मील तैयार करने के दौरान पूरी सावधानी बरती जाए। कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।

पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को मिलता है भोजन
विद्यार्थियों को उचित पोषण देकर उनका बचपन सुरक्षित करने के लिए सरकार की ओर से मिड-डे मील योजना चलाई है। अब इसका नाम बदल दिया गया है। कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों को राशन दिया गया।

क्या है प्रविधान
मिड-डे मील के तहत सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्रत्येक विद्यार्थी को 100 ग्राम और अपर प्राइमरी में 150 ग्राम राशन मुहैया कराने का प्रविधान है। इसके अलावा प्राइमरी के विद्यार्थी को चार रुपये 97 पैसे, जबकि माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को सात रुपये 45 पैसे हर दिन खाना बनाने की लागत के रूप में भी दिए जाते हैं।
स्कूलों में 583 टीजीटी नियुक्त
शिमला। प्रदेश के स्कूलों को 583 नए शिक्षक मिले हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को 583 टीजीटी को नियुक्ति दी है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक पंकज ललित की ओर से इस संबंध में नियुक्ति आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें 305 टीजीटी आट्र्स, 143 टीजीटी नान मेडिकल व 135 टीजीटी मेडिकल हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार प्रदान कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर रही है, इसी क्रम में शिक्षकों की नियुक्ति की है। उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों को शुभकामना दी है।