मुजफ्फरनगर। जिले में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने शनिवार को भोपा रोड पर जोरदार प्रदर्शन शुरू किया। संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दे दिया। इस दौरान बाहर से आने वाले पन्नी और कचरे से लदे ट्रकों को शहर में प्रवेश से पहले ही रोक दिया गया।
भाकियू अराजनैतिक के तहसील जानसठ अध्यक्ष अंकित जावला के नेतृत्व में शुरू हुए इस आंदोलन में किसानों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के करीब पहुंच चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है। शहर ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी लोग सांस की तकलीफ, आंखों में जलन और दम घुटने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
धरने में शामिल लोगों ने आरोप लगाया कि पेपर मिल, स्लग यूनिट समेत कई औद्योगिक इकाइयां अपशिष्ट पदार्थों को ईंधन के रूप में जलाकर वातावरण को जहरीला बना रही हैं। उनका कहना है कि दिल्ली से आने वाला कचरा—जिसमें पन्नी, रासायनिक अपशिष्ट, हैवी मेटल और यहां तक कि मृत पशु भी शामिल हैं—इन इकाइयों में जलाया जा रहा है, जिससे स्मॉग की स्थिति गंभीर हो गई है।
भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि जिले में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हो रही है। स्थानीय चिकित्सकों से बातचीत में यह सामने आया है कि सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीज तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बार-बार शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। देर रात तक भोपा रोड पर धरना जारी रहा और माहौल तनावपूर्ण बना रहा।