किसी को स्वप्न में भी गुमान न था कि वे अचानक ऐसे चले जायेंगे। हमारा तात्पर्य समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता चौ. देवी सिंह सिंभालका (सिंभालका उनके ग्राम का नाम) से है जिनका 4 दिसंबर 2025 गांधी कॉलोनी, मुजफ्फरनगर स्थित आवास पर अचानक निधन हो गया। उनके चले जाने से सर्वसमाज की सेवा में एक शुन्य उत्पन्न हो गया है, जिसकी पूर्ति असंभव तो नहीं, किन्तु कठिन जरूर है क्योंकि लगता नहीं कि कोई शख्स अपना सारा जीवन समाज को समर्पित करने को हाल फिलहाल सामने आयेगा।

शामली के निकट ग्राम सिंभालका में जन्मे देवी सिंह के जीवन पर ऋषि दयानन्द के उपदेशों व शिक्षा का प्रभाव रहा। सामाजिक जीवन में वे चौधरी चरण सिंह और वीरेंद्र वर्मा की सात्विकता, सादगी एवं उच्च विचारों से प्रभावित रहे। चरथावल के गांधी इण्टर कॉलेज में आदर्श शिक्षक के रूप में पूरे जिले में विख्यात हो गये।

सामान्यतः सेवा निवृत्ति के पश्चात व्यक्ति या तो चौपाल या अपने घर में बैठकर हुक्का गुड़गुड़ाता है, ताश के पत्ते फेंटता है या फिर गप्प हांकता है किन्तु उन्होंने समाजसेवा के कांटों भरे रास्ते पर चलना पसन्द किया। पेंशन से प्राप्त धनराशि को समाज सेवा में अर्पित करने का निःस्वार्थ एवं दृढ़ निर्णय लिया और अपने आदर्श चौ. चरण सिंह के नाम से सामुदायिक भवन गांधी कॉलोनी में खड़ा किया। चरण सिंह भवन के निर्माण में यद्यपि अनेक सज्जनों का सहयोग है किन्तु इसकी कल्पना और योजना को मूर्तरूप देने में उनकी ही अग्रणी भूमिका रही। निर्माण में स्वयं: भी बड़ा आर्थिक सहयोग दिया। सैकड़ों रिश्ते कराये। युवा वर्ग का मार्ग निर्देशन किया और मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

सामान्यतः यह परम्परा बन गई है कि जातिगत संस्था या संगठन अपनी बिरादरी के मेधावियों को ही पुरस्कृत व सम्मानित करते हैं किन्तु चौ. देवी सिंह की जातिगत सोच नहीं थी। वे जाट महासभा के अध्यक्ष रहे, समाज की सेवा में हर प्रकार से अग्रणी व सक्रिय रहे किन्तु संकीर्ण जातिवाद को सदा नापसन्द किया। इसका हाल का उदाहरण यह है कि गत 18 सितंबर को मुजफ्फरनगर व 20 सितंबर को शामली में वीरेन्द्र वर्मा विचार मंच ट्रस्ट की ओर से सभी बिरादरियों व धर्मों के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।

समाजसेवी एवं चौ. देवी सिंह के परममित्र तथा सहयोगी उमादत्त शर्मा जी ने हमें बताया कि वीरेन्द्र वर्मा विचार मंच में उन्होंने सभी धर्मो व जातियों के लोगों को सम्मिलित किया जैसे कस्तूर सिंह स्नेही, प्रमोद त्यागी एडवोकेट, मुफ्ती जुल्फिकार, जगदीश अरोरा एवं स्व. सोमांश प्रकाश आदि। उनका कहना था कि वीरेन्द्र वर्मा जी 36 बिरादरियों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे इसलिए उनके नाम के विचार मंच को किसी एक बिरादरी का मंच नहीं बनाया जा सकता।

चौधरी चरण सिंह भवन सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में चौ. देवी सिंह की उपस्थिति से गुलज़ार रहता था। उनकी याद को चिरस्थायी बनाने के लिए कुछ होना चाहिये।

'देहात' परिवार उनकी स्मृति में शत्-शत् नमन करता है।

गोविंद वर्मा (संपादक 'देहात')