भगोड़े हीरा कारोबारी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी ने विभिन्न बैंकों के 7,848 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया है। भारत के लोन लेकर नहीं चुकाने वालों की लिस्ट में वह टॉप पर है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में घोटाला सामने आने से पहले ही 2018 में वह अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ भारत से भाग गया था। चोकसी तब से एंटीगुआ में रह रहा है, जहां उसके पास उस देश की नागरिकता है। आंकड़ों के अनुसार, देश के शीर्ष 50 विलफुल डिफॉल्टर्स पर 31 मार्च, 2022 तक भारतीय बैंकों का सामूहिक रूप से 92,570 करोड़ रुपये बकाया था।
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड द्वारा सोमवार को लोकसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, गीतांजलि जेम्स के मेहुल चोकसी के बाद अन्य बड़े डिफॉल्टर्स की सूची में एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग (5,879 करोड़ रुपये), री एग्रो (4,803 करोड़ रुपये), कॉनकास्ट स्टील एंड पावर (4,596 करोड़ रुपये), एबीजी शिपयार्ड (3,708 करोड़ रुपये), फ्रॉस्ट इंटरनेशनल (3,311 करोड़ रुपये), विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी (2,931 करोड़ रुपये), रोटोमैक ग्लोबल (2,893 करोड़ रुपये), कोस्टल प्रोजेक्ट्स (2,311 करोड़ रुपये) और जूम डेवलपर्स (2,147 करोड़ रुपये) का नाम है।
आंकड़ों से पता चलता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 8.9 लाख करोड़ रुपये से घटकर तीन लाख करोड़ रुपये रह गई हैं। आरबीआई की एसेट क्वालिटी रिव्यू के बाद ग्रॉस एनपीए में 5.41 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।
विलफुल डिफॉल्टर एक वित्तीय शब्द है जिसका उपयोग उन उधारकर्ताओं के लिए किया जाता है जिनके पास ऋणों की देनदारी है पर वे इसे नहीं लौटा रहे हैं। इन उधारकर्ताओं को बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों की किसी भी सुविधा से वंचित कर दिया गया है। मंत्री ने यह भी कहा कि बैंकों ने 10.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टा खाते में डाल दिया है यानी राइट ऑफ कर दिया है।
भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक भारतीय स्टेट बैंक 2 लाख करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ करने के साथ इस सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) 67,214 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है। निजी क्षेत्र के बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक ने सबसे अधिक 50,514 करोड़ रुपये का कर्ज राइट ऑफ किया है, जबकि एचडीएफसी ने 34,782 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टा खाते में डाला है।
पिछले सप्ताह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि एनपीए के संबंध में चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान किए जाते हैं। उन्हें राइट ऑफ कर संबंधित बैंक की बैलेंस शीट से हटा दिया जाता है। रिजर्व बैंक से मिली जानकारी के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने पिछले पांच वित्त वर्ष के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये की राशि राइट ऑफ की है। हालांकि वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राइट ऑफ किए गए कर्ज के कर्जदार पुनर्भुगतान के लिए उत्तरदायी बने हुए हैं और उनसे बकाया की वसूली की प्रक्रिया जारी है, ऐसे में बट्टे खाते में डाले जाने से कर्जदार को कोई फायदा नहीं होता है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ बीते शुक्रवार को ही अपना शिकंजा और कस दिया है। एजेंसी ने धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के लिए तीन और एफआईआर दर्ज की हैं। ये मामले पंजाब नेशनल बैंक के उप महाप्रबंधक की शिकायत पर दर्ज किए गए हैं। चोकसी और अन्य आरोपियों पर विभिन्न बैंक संघों से 6747.97 करोड़ रुपये का घपला करने का आरोप है। पहली एफआईआर में मैसर्स गीतांजलि जेम्स लिमिटेड की होल्डिंग कंपनी के निदेशक/प्रवर्तक मेहुल चीनूभाई चोकसी के खिलाफ शिकायत की गई है। इसके अलावा मैसर्स नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड को क्रेडिट लिमिट को मंजूरी देने के लिए एक गारंटर, मैसर्स नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड के निदेशक धनेश ब्रजलाल सेठ, अज्ञात सरकारी अधिकारियों को भी नामजद किया गया है। यह एफआईआर पंजाब नेशनल बैंक के नेतृत्व वाले बैंक संघ से 807.72 करोड़ की धोखाधड़ी का है।
दूसरी एफआईआर में गीतांजलि जेम्स लिमिटेड, इसके निदेशक मेहुल चीनूभाई चोकसी और धनेश, व्रजलाल सेठ, कपिल माली राम खंडेलवाल, चंद्रकांत कानू करकरे, अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। यह शिकायत आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के नेतृत्व वाले बैंक संघ से 5564.54 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की है। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी खातों में हेराफेरी करने, फंड को बेईमानी से निकालने और वास्तविक व्यापार लेनदेन के लिए स्वीकृत क्रेडिट सीमा का दुरुपयोग करने में शामिल रहे हैं।
तीसरा मामला जीएल इंडिया लिमिटेड मुंबई, मेहुल चीनूभाई चोकसी, एक गारंटर, अनियाथ शिवरामन नायर, व्रजलाल सेठ, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और अन्य के खिलाफ दर्ज हुआ है। इन सभी पर पंजाब नेशनल बैंक के नेतृत्व वाले तीन बैंकों के संघ को 375.71 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का है।