एअर इंडिया हादसा: ‘विमान ने सही रफ्तार पकड़ी, फिर भी हुआ फेलियर’- राजीव प्रताप रूडी

अहमदाबाद: एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुई गंभीर तकनीकी घटना को लेकर वरिष्ठ कमर्शियल पायलट और भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि विमान टेक-ऑफ के लिए आवश्यक गति तक पहुँच चुका था, लेकिन इसके बाद अचानक तकनीकी समस्याएं सामने आईं।

रूडी के अनुसार, फ्लाइट ने 180 नॉट्स की स्पीड प्राप्त कर ली थी, जो उड़ान भरने के लिए उपयुक्त ‘रोटेशन स्पीड’ मानी जाती है। इस बिंदु पर विमान को बिना किसी रुकावट के हवा में उठ जाना चाहिए था। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, उसी समय दोनों इंजन अचानक बंद हो गए और ‘रैम एयर ट्रिब्यून’ (RAT) स्वतः सक्रिय हो गई— जो केवल आपात स्थिति में, इंजन फेल होने पर, स्वतः निकलती है।

APU और RAT के सक्रिय होने से संकेत
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि इंजन फेलियर के तुरंत बाद ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU) भी सक्रिय हो गया, जो विमान में कुल पावर लॉस की पुष्टि करता है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि विमान को किसी गंभीर तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ा।

कॉकपिट में संवाद से सामने आई स्थिति की गंभीरता
फ्यूल कटऑफ से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए रूडी ने बताया कि सामान्य प्रक्रियाओं के तहत जब पायलट को विमान पर नियंत्रण न होने का आभास होता है, तो वह ‘फ्यूल कटऑफ’ स्विच बंद करता है ताकि इंजन को रीस्टार्ट किया जा सके। रिपोर्ट में दर्ज कॉकपिट बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि एक पायलट दूसरे से पूछता है कि “फ्यूल क्यों बंद किया?”, और उत्तर में जवाब मिलता है, “मैंने नहीं किया।” यह दर्शाता है कि उस समय कॉकपिट में भ्रम और दबाव की स्थिति थी।

जांच अभी जारी, रिपोर्ट प्रारंभिक
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यह रिपोर्ट शुरुआती चरण में है और AAIB द्वारा सभी तकनीकी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टेक-ऑफ से पहले विमान में न तो फ्यूल की कमी थी और न ही ओवरवेट की कोई समस्या, जो रिपोर्ट में भी दर्ज है।

सुधार की आवश्यकता पर बल
घटना को भविष्य के लिए चेतावनी मानते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पूरी एविएशन प्रणाली की समीक्षा और सुधार आवश्यक है। इसमें तकनीकी कर्मियों का प्रशिक्षण, पायलट्स की नियमित ट्रेनिंग और विमानों की समय-समय पर सख्त जांच शामिल होनी चाहिए।

रूडी ने पीड़ित यात्रियों और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक धैर्य और सावधानी बनाए रखना सभी के हित में होगा।

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