10 अगस्त को पीएम मोदी तीन वंदे भारत ट्रेनों को दिखाएंगे हरी झंडी

देश की सबसे तेज़ और अत्याधुनिक ‘मेक इन इंडिया’ वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा को और विस्तार देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने वाले हैं। यह समारोह केएसआर बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर आयोजित होगा, जहां केंद्रीय रेल एवं सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।

महाराष्ट्र को नई सौगात के रूप में अजनी (नागपुर) और पुणे के बीच चलने वाली 12वीं वंदे भारत ट्रेन सेवा मिलेगी। यह ट्रेन वर्धामनमाड जैसे अब तक वंचित इलाकों को पहली बार वंदे भारत नेटवर्क से जोड़ेगी और विदर्भ व पश्चिम महाराष्ट्र के व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा एवं पर्यटन क्षेत्रों को मजबूती प्रदान करेगी।

नागपुर, जो ऑरेंज सिटी और बाबासाहेब आंबेडकर की दीक्षाभूमि के रूप में जाना जाता है, और पुणे, महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी, दोनों शहरों को यह ट्रेन सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से जोड़ती है।

यह ट्रेन कुल 881 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जो अब तक की सबसे लंबी वंदे भारत सेवा होगी। यह ट्रेन छह दिन (मंगलवार को छोड़कर) चलेगी, पुणे से सुबह 6:25 बजे रवाना होकर शाम 6:25 बजे अजनी पहुंचेगी। वापसी में अजनी से सोमवार को छोड़कर छह दिन चलेगी, सुबह 9:50 बजे रवाना होकर रात 9:50 बजे पुणे पहुंचेगी। ट्रेन का मार्ग वर्धा, बडनेरा, अकोला, शेगाव, भुसावल, जलगांव, मनमाड, कोपरगांव, अहमदनगर और दौंड कॉर्ड लाइन से होकर जाएगा।

कोच संरचना में कुल 8 कोच होंगे, जिनमें एक एक्जीक्यूटिव चेयर कार और सात चेयर कार कोच शामिल हैं, और इसमें कुल 540 यात्री सफर कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी इसी कार्यक्रम में बेंगलुरु-बेलगावी और श्री माता वैष्णोदेवी कटरा-अमृतसर वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो दक्षिण और उत्तर भारत के प्रमुख मार्गों पर तेज़ और आरामदायक यात्रा के विकल्प प्रदान करेंगी।

वर्तमान में देशभर में 72 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं संचालित हैं, जो 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ती हैं। रेल मंत्रालय ने अगले तीन वर्षों में 200 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों को सेवा में लाने का लक्ष्य रखा है।

वंदे भारत ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे, आरामदायक एर्गोनॉमिक सीटें, बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स, सीसीटीवी निगरानी, फायर डिटेक्शन सिस्टम, इमरजेंसी इंटरकॉम और ऊर्जा बचत के लिए रेजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। ये ट्रेनें पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत निर्मित हैं।

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