कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया है। गुरुवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर चुनावी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुईं, जिनकी मंजूरी खुद चुनाव आयोग ने दी। राहुल ने स्पष्ट कहा कि उनके पास इस गड़बड़ी के सौ प्रतिशत प्रमाण मौजूद हैं और आयोग अगर यह समझ रहा है कि वह जवाबदेही से बच निकलेगा, तो यह उसकी भूल है।
“हजारों नए वोटरों का ग़लत तरीके से नाम जुड़ा”
राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से एक सीट की जांच की और वहां 45 से 65 वर्ष की उम्र के हजारों नए वोटरों के नाम जोड़ने जैसी गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। उन्होंने आशंका जताई कि यह सिलसिला सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी फर्जी वोटर जोड़ने और वास्तविक नाम हटाने जैसी प्रक्रियाएं चल रही हैं। उन्होंने वादा किया कि जल्द ही इन सबूतों को सार्वजनिक किया जाएगा।
“लोकतंत्र की हत्या को नहीं होने देंगे बर्दाश्त”
कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि यह मामला केवल अनियमितता नहीं बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा, “अगर आयोग को लगता है कि वह इससे बच जाएगा, तो वह गलतफहमी में है। हम इसका पूरी ताकत से विरोध करेंगे और पीछे नहीं हटेंगे।”
बिहार में वोटर रिवीजन को लेकर जताई चिंता
राहुल गांधी ने बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लाखों मतदाता अपने पते पर नहीं पाए गए हैं और यह एक सुनियोजित प्रयास लगता है, जिससे विपक्ष समर्थक वोटरों को चुनाव से वंचित किया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सरकार के दबाव में काम कर रहा है और अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है।
“देश में चुनावों की निष्पक्षता खतरे में”
राहुल गांधी ने बुधवार को भी देश में चुनाव प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत में चुनाव “चुराए” जा रहे हैं और कांग्रेस ने इस साजिश को समझ लिया है। उन्होंने भरोसा जताया कि बहुत जल्द इसका दस्तावेजी खुलासा किया जाएगा।
संसद में विपक्ष का जोरदार विरोध प्रदर्शन
बिहार की मतदाता सूची में कथित छेड़छाड़ को लेकर विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में जोरदार विरोध दर्ज कराया। विपक्ष का आरोप है कि यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष के वोट बैंक को कमजोर करने की मंशा से उठाया गया है। राहुल गांधी के हालिया बयानों ने इस विरोध को और मजबूती प्रदान की है।