झारखंड विधानसभा का आगामी सत्र 9 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित होगा. इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक रविंद्र नाथ महतो को दोबारा विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास में हुई इंडिया गठबंधन के विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से उनके नाम पर सहमति बनी. कांग्रेस की रामगढ़ से विधायक ममता देवी ने भी इसकी पुष्टि की है. महतो को पिछले कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनके कुशल कार्य संचालन के लिए दोबारा यह जिम्मेदारी मिलने जा रही है.
राज्य में 9 दिसंबर को नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होना है. प्रोटेम स्पीकर प्रोफेसर स्टीफन मरांडी सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे. सत्र के दूसरे दिन 10 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. नए अध्यक्ष चुने जाने के बाद 11 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार विश्वास मत हासिल करेगी. विश्वास मत के बाद दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. वहीं, सत्र के आखिरी दिन 12 दिसंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी.
सत्र के संचालन के लिए तैयारियां पूरी
झारखंड विधानसभा के सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नए विधायकों के आवासन और सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पर्याप्त सुरक्षा बल और दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का निर्देश दिया गया है. विधानसभा परिसर में बिना वैध पास के प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. इसके अलावा, सत्र के दौरान चिकित्सकीय सुविधाओं, जीवन रक्षक दवाओं और एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
सरकार का अनुपूरक बजट पर फोकस
झारखंड में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 11 दिसंबर को विश्वास मत हासिल करने के बाद सरकार द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी. विश्वास मत से पहले राज्यपाल का अभिभाषण होगा, जो सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही की शुरुआत करेगा.
सरकार के लिए महत्वपूर्ण सत्र
यह सत्र झारखंड सरकार के लिए अहम है, क्योंकि इसमें नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव और विश्वास मत हासिल करना शामिल है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पूरी कैबिनेट के साथ सत्र में हिस्सा लेंगे. सरकार की योजना है कि इस सत्र में अपनी स्थिरता और विकास कार्यों की दिशा में बढ़ाए गए कदमों को रेखांकित किया जाए.