शामली। गठवाला खाप ने सोरम पंचायत में शामिल न होने का औपचारिक निर्णय लिया है। यह निर्णय लिसाढ़ स्थित बाबा राजेंद्र सिंह मलिक के आवास पर गठवाला खाप की पंचायत में पारित किया गया। बैठक में खाप के वरिष्ठ चौधरी और सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि सोरम पंचायत का आयोजन सर्वखाप संविधान के विरुद्ध किया जा रहा है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि इस आयोजन के लिए सुभाष चौधरी मंत्री ने किसी चौधरी से पूर्व सूचना या एजेंडा साझा नहीं किया, जबकि सर्वखाप प्रणाली में पहले सभी चौधरी की बैठक कर एजेंडा तय करना आवश्यक होता है। इसके अलावा, आयोजन की घोषणा ऐसे व्यक्ति द्वारा की गई, जिसका सर्वखाप व्यवस्था में कोई आधिकारिक स्थान नहीं है।

पंचायत में कुल चार प्रस्ताव हाथ उठाकर पारित किए गए:

  1. गठवाला खाप सोरम पंचायत में शामिल नहीं होगी क्योंकि यह सर्वखाप संविधान के विरुद्ध है।

  2. पंचायत के फैसले का विरोध करने वालों के खिलाफ आगामी 15 दिसंबर को कठोर निर्णय लिया जाएगा।

  3. बालियान खाप के चौधरी के अपमानजनक शब्दों पर निंदा प्रस्ताव पारित किया जाएगा और उनसे शब्द वापस लेने की मांग की गई।

  4. हर माह की 15 तारीख को लिसाढ़ में बाबा के आवास पर मासिक पंचायत आयोजित होगी।

बैठक को बाबा श्याम सिंह, बाबा ईश्वर सिंह, विनोद मलिक, जयपाल सिंह, दुष्यंत मलिक, कैलेंद्र मलिक, वीर नारायण सिंह, कृष्णपाल प्रधान, हरवीर मास्टर और विकास मलिक ने संबोधित किया। उपस्थित सैकड़ों किसानों में रविंद आर्य, मोहित मलिक, दुष्यंत सिंह, प्रवीण पंवार, वीरपाल मलिक, जयवीर कुड़ाना, सुधार प्रधान, ऋषिपाल विश्वकर्मा, सुरेंद्र सिंह, अजयवीर सिंह, अनिरुद्ध मलिक, राजकुमार, उपेंद्र बॉबी, राकेश मलिक, गौतम मलिक, गौरव मलिक और नरेशपाल पिन्ना शामिल थे।

कार्यक्रम का संचालन धर्मेंद्र मलिक ने किया, जबकि अध्यक्षता सतपाल पंडित ने संभाली। पंचायत में सभी उपस्थित लोगों ने बाबा राजेंद्र सिंह मलिक के फैसले का समर्थन किया और इसे लागू करने का संकल्प लिया।